Dard shayari
मुझको ऐसा दर्द मिला जिसकी दवा नहीं, फिर भी खुश हूँ मुझे उस से कोई गिला नहीं, और कितने आंसू बहाऊँ मैं उसके लिए, जिसको खुदा ने मेरे नसीब में लिखा नहीं।
उन परिंदो को क़ैद करना हमारी फितरत में नहीं . || जो हमारे दिल के पिंजरे में रहकर .. दूसरों के साथ उड़ने का शौक़ रखते हैं✓ #Nazrana